कृषि उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦ à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ Commodity है जिसकी कोई MRP.. Course- INDIAN BUSINESS PARTY-VIEWS > कृषि उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦ à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ Commodity है जिसकी कोई MRP तय नहीं होती है और तो और उकà¥à¤¤ उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦ के उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤• को यह à¤à¥€ पता नहीं होता कि उसके अपने उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦ का कà¥à¤¯à¤¾ मूलà¥à¤¯ मिलेगा, लाठहोगा या नहीं। आजादी के सात दशकों में à¤à¥€ हमारा किसान à¤à¤¾à¤ˆ अनिशà¥à¤šà¤¿à¤¤à¤¤à¤¾ का जीवन यापन करता है। उसके पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• INPUT यानी कि खाद, बिजली, बीज इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ की कीमत तो FIX है, बैंक या साहूकार का बà¥à¤¯à¤¾à¤œ à¤à¥€ FIX है परंतॠOUTPUT की कीमत मंडी में माल पहà¥à¤‚च कर ही मालूम होती है। साइंस और टेकà¥à¤¨à¥‹à¤²à¥Œà¤œà¥€ का किसानो को कोई फायदा नही। यह सरकार की उदासीनता का जà¥à¤µà¤²à¤‚त उदाहरण है। विकास दर की वृदà¥à¤§à¤¿, किसानों के वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ हालात के चलते, बेईमानी है। अत: सरकार को चाहिठकि विकास दर का पैमाना कà¥à¤› अंको को छोडकर आंखो से दिखनी वाली तरकà¥à¤•ी को बनाà¤à¤‚, तà¤à¥€ शायद 60% जनसंखà¥à¤¯à¤¾ का उदà¥à¤§à¤¾à¤° होगा। आपके सà¥à¤à¤¾à¤µ आमंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ हैं । PRV MENU NEXT